वनकर्मी ने पैसे लेकर ग्रामीणों को जंगल काटने का दिया आदेश..वन अधिकार पट्टा दिलाने के एवज में लिए लाखों रुपए.. वन विभाग जान कर बन रहा अंजान..सैकड़ों एकड़ भूमि पर ग्रामीणों ने की अंधाधुंध कटाई… वन मंडल धरमजयगढ़ का मामला..
हल्लाबोल 24.कॉम सबसे तेज न्यूज नेटवर्क
💥 सैकड़ो एकड़ वन भूमि पर गांव वालों ने किया सामूहिक कटाई
💥 मामला धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र के चैनपुर कक्ष क्रमांक 442 का
💥 फॉरेस्ट गार्ड सिदार ने वन भूमि पट्टा दिलाने के नाम पर गांव वालों से वसूला ₹ 3 लाख
धरमजयगढ़ । जी हां ये मामला वन मंडल धरमजयगढ़ का है जहां धरमजयगढ़ रेंज के चैनपुर से लगे जंगल में लगभग 10 एकड़ वन भूमि में पुराना कटाई किया जा चुका है वहीं बीट गार्ड द्वारा ग्रामीणों को पट्टा दिलाने के एवज में लगभग ₹ 3 लाख देने की बात सामने आ रही है साथ ही बाकी राशि की व्यवस्था में ग्रामीण अभी भी जुटे हुए हैं तथा बीट गार्ड को पैसा देने के बाद ग्रामीण और जोरों पर सैकड़ो एकड़ जंगल भूमि की कटाई करने में लगे हुए हैं
जहां हजारों की संख्या में विशालकाय इमारती लकड़ी के पेड़ जैसे साल,बिजा इत्यादि वृक्षों की बहुतायत संख्या में कटाई की गई है जिसे बीट गार्ड की पूरी जानकारी में अंजाम दिया गया है आपको बता दे जगह पर यह कटाई हुआ है वह जगह सड़क से आरंभ होकर जंगल के बीच तक गया हुआ है और इस जंगल में अंधाधुंध कटाई किया गया है जिसे देखने के लिए स्थान तलाश करने की जरूरत नहीं है वहीं इस मामले में ग्रामीणों का कहना है कि हम लोगों के द्वार वन विभाग के कर्मचारी को पट्टा बनाने के नाम पर सामूहिक चंदा किया गया और बीट गार्ड को ₹ 3 लाख दिया गया है।
ग्रामीणों के कहे अनुसार 28 से 30 ग्रामीणों ने मिलकर इस अवैध कटाई को अंजाम दिया है जिसकी जानकारी स्थानीय नाका एवं रेंजर को है ग्रामीणों ने यह भी कहा कि वन विभाग के अधिकारी के द्वारा प्रति व्यक्ति से ₹200000 वन भूमि पट्टा दिलाने बाबत मांग किया गया है जिसमें से अभी ₹300000 दिया गया है बाकी राशि की व्यवस्था हेतु ग्रामीण बैठक कर उचित निर्णय लेंगे कुछ भूमि पर पुराना कटाई दिख रहा है एवं नाका को पैसा देने के बाद वर्तमान में सैकड़ो एकड़ में बहुत मात्रा में कटाई किया गया है जिसे जानकर भी विभाग अनजान बना हुआ है,वहीं इस मामले में रेंजर् सोनवानी का कहना है कि मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है,मैं हमेशा फील्ड के दौर में रहता हूं इसलिए मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है
रेंजर सोनवानी के अनुसार इस मामले में दोषी पाए जाने वाले कर्मचारी एवं व्यक्ति पर कार्यवाही की जाएगी। एक तरफ ग्रामीण कह रहे हैं कि रेंजर एवं नाका को हमारी सामूहिक कटाई की जानकारी है और रेंजर एवं वन विभाग के कर्मचारी सभी गांव वालों के साथ बैठक करने का निर्णय लिया है इस बैठक हेतु गांव वालों ने कटाई वाली भूमि में काटे गए बड़े-बड़े पेड़ों से बैठक हेतु एक बड़ा सा झाला एवं मचान का निर्माण कर रखा है वही रेंजर की कहे अनुसार वह हमेशा दौरे में रहते हैं और इस कटाई के संबंध में कोई जानकारी नहीं है..तो हमेश दौरे में रहने वाले रेंजर साहब को दौरे के दौरान जंगल की कटाई नहीं दिखाई दी या फिर कोई और बात है इस बात को समझना बेहद जरूरी है.बहरहाल समाचार सामने आने के बाद संबंधित विभाग के अधिकारी इस मामले पर क्या रुख अपनाते है यह हम आने वाले समय में बताएंगे…।।