सर्वब्राह्मण समाज ने धूमधाम से मनाया भगवान परशुराम का जन्मोत्सव
हल्लाबोल 24.कॉम सबसे तेज न्यूज नेटवर्क
धरमजयगढ़ । हिंदू धर्म के विप्र समाज के लोग सनातन काल से अक्षय तृतीया के दिन ब्राह्मणों के कुल देवता और भगवान विष्णु के छठवें अवतार परशुराम के जन्मोत्सव को मनाते आ रहे हैं।वही भगवान परशुराम जी के जन्म उत्सव पर धर्मजयगढ़ के सर्व ब्राह्मण समाज द्वारा परशुराम जी का जन्म उत्सव गायत्री मंदिर परिसर पर बड़े ही सादगी पूर्ण ढंग के साथ मनाया गया।जिसमें समाज के लोगों ने बढ़ चढ़कर अपनी सहभागिता निभाई वही आज के इस पूरे कार्यक्रम में संध्या कालीन पूजन पाठ के बाद भगवान परशुराम जी का आरती किया गया। तत्पश्चात प्रसाद वितरण व परिवार जनों का भोजन पश्चात कार्यक्रम का समापन हुआ ।
परशुराम जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया गया परशुराम के पिता का नाम जमदग्नि और माता का नाम रेणुका था । भगवान परशुराम अत्यंत क्रोधी स्वभाव के थे । उनके क्रोध से देवी देवता भी थरथर कांपते थे ।भगवान परशुराम ने 21 बार पृथ्वी को क्षत्रिय विहीन कर दिया था , इस दिन भगवान विष्णु के परशु राम अवतार की पूजा करने से शोर्य में वृद्धि , ऐश्वर्या की प्राप्ति होती है । भगवान शिव का परशु जिसे फरसा या कुल्हाड़ी भी कहते हैं । यह इन्हें बहुत प्रिय था । वह इसे हमेशा साथ रखते थे । परशु धारण करने के कारण ही इन्हें परशुराम कहा गया । भगवान परशुराम महादेव और भगवान विष्णु के संयुक्त अवतार माने जाते हैं । इन्हें चिरंजीव रहने का वरदान प्राप्त हुआ है।