” नेताजी ” के बिगड़े बोल : कहा- अगर मैं MLA बन गया तो सभी कुंवारों का विवाह कराऊंगा..अब आए चर्चा में..पढ़े पूरी खबर
हल्लाबोल 24.कॉम सबसे तेज न्यूज नेटवर्क
मध्य महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा- एसपी) के एक उम्मीदवार ने वादा किया है कि अगर वह विधानसभा चुनाव जीत जाते हैं तो वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में कुंवारों का विवाह कराएंगे। बीड जिले के परली से चुनाव लड़ रहे राजेसाहेब देशमुख द्वारा किया गया यह अनोखा वादा ग्रामीण क्षेत्रों में विवाह योग्य युवकों को दुल्हन न मिल पाने की समस्या को उजागर करता है।देशमुख के इस बयान का वीडियो बुधवार को वायरल हो गया। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होगा। परली में देशमुख के मुख्य प्रतिद्वंद्वी राज्य के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे हैं जो उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता हैं।
देशमुख ने कहा, ”अगर मैं विधायक बन गया तो सभी कुंवारों का विवाह कराऊंगा। हम युवाओं को काम देंगे। लोग (दुल्हन की तलाश कर रहे व्यक्ति से) पूछते हैं कि क्या उसके पास कोई नौकरी है या क्या उसका कोई व्यवसाय है। जब जिले के संरक्षक मंत्री (धनंजय मुंडे) के पास खुद कोई व्यवसाय नहीं है तो आपको क्या मिलेगा।” उन्होंने दावा किया कि मुंडे निर्वाचन क्षेत्र में एक भी उद्योग नहीं ला पाए और इसलिए नौकरी नहीं होने के कारण स्थानीय युवकों के विवाह में मुश्किल आ रही है।एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को महाराष्ट्र की महायुति सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह किसानों के हितों की रक्षा, महिलाओं की सुरक्षा और रोजगार उपलब्ध कराने में विफल रही है तथा उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे उन्हें सत्ता से उखाड़ कर फेंक दें। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधा और उन पर एक विशेष राज्य के हित में काम करने का आरोप लगाया।पवार राकांपा (शरदचंद्र पवार) के नागपुर पूर्व से उम्मीदवार दुनेश्वर पेठे के लिए एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होने हैं। उन्होंने कहा, ”नागपुर का कांग्रेस और उसकी विचारधारा के साथ गहरा रिश्ता है, जहां वसंतराव नाइक और सुधाकरराव नाइक जैसे विदर्भ के नेताओं ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और राज्य को सशक्त बनाया।” पवार ने कहा कि आज जो लोग सत्ता में हैं, वे किसानों की समस्याओं को हल करने में विफल रहे हैं और विदर्भ में किसानों द्वारा आत्महत्या करने का आंकड़ा बहुत बड़ा है। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को आत्महत्या का रास्ता इसलिए अपनाना पड़ा क्योंकि सरकार ने उनके मुद्दों को हल नहीं किया।