प्राचीन और अर्वाचीन शिक्षा का बेहतर तालमेल का संगम है कटाईपाली सी _ आचार्य राकेश शास्त्री
हल्लाबोल 24.कॉम सबसे तेज न्यूज नेटवर्क
धरमजयगढ़ । गुरु अपने गर्भ में रख कर विद्यार्थी को गढ़ता है गुरू चाहता है कि मै अपना पूरा ज्ञान अपने शिष्य को दूं जिससे उसका जीवन बेहतर हो सके उसके ज्ञान की अभिवृद्धि हो ये सभी कार्य गुरु पूरे धैर्य के साथ अपने शिष्य के लिए करता है।
माता पिता से भी अधिक सहनशील गुरु होता है उपरोक्त उदगार आर्ष गुरुकुल तुरंगा के आचार्य राकेश शास्त्री जी ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कटाईपाली सी के समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से किया।आगे उन्होंने कहा कि यह शालेय परिवार कटाईपाली सी इस कार्यक्रम को इतनी भव्यता के साथ आयोजित किया है उससे पता चलता है कि यह विद्यालय हमारी सांस्कृतिक धरोहर , हमारी प्राचीन संस्कृति और नवीन शिक्षा पद्धति को कैसे एक साथ लेकर चल रहा है।
यह विद्यालय दोनों पद्धतियों का बहुत अच्छा संगम है। विद्यार्थियों को आह्वान करते हुए कहा कि सभी अपने गुरुजनों का प्रिय बनो उनके प्रिय बनने से आपके अंदर की कमियां धीरे धीरे समाप्त हो जाती है और अच्छाईयों को आप धारण करने लग जाते हैं फिर आप अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर ऊंचाईयों को छूते हैं। जीवन की यह बड़ी उपलब्धि है।
आप अपने गुरू के बताए रास्ते पर चलते रहिए और अहंकार मत कीजिए। इस अवसर पर सेवानिवृत शिक्षकों को आमंत्रित कर सम्मान किया गया। साथ ही साथ शालेय परिवार कटाईपाली सी के सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को आचार्य श्री के द्वारा सम्मान कराया गया। गरिमामयी कार्यक्रम में मां सरस्वती व मां भारती के पूजन अवसर पर विद्यार्थियों ने मंत्रोच्चारण कर पूजन सम्पन्न कराया इस अवसर पर प्रांगण में प्राच्य परंपरा का निर्वहन करते हुए यज्ञ का आयोजन भी किया गया था ।
कार्यक्रम के अंत में शान्ति पाठ भी विद्यालय के विद्यार्थियों ने ही किया। इस अवसर पर हरिराम राठिया, फागूलाल डनसेना , वजन सिंग राठिया, राजकुमार बेहरा, जुगुत राम खूंटे, कन्हैया डनसेना , सालिक राम डनसेना, श्रीधर बेहरा, शशि कमलवंशी , अजय डनसेना, दिनेश डनसेना, शिवम खूंटे सहित गांव के गणमान्य जन उपास्थित थे। संकुल शैक्षिक समन्वयक भुनेश्वर पटेल के साथ शालेय परिवार कटाईपाली सी के समस्त शिक्षक शिक्षिकायें अपनी उपस्थिति से समारोह को भव्यता प्रदान किया।कार्यक्रम का सफल संयोजन प्रभारी प्राचार्य राजीव गुप्ता ने किया।