विवादों में आईएस पूजा खेडकर : बर्खास्त करने से काम नहीं चलेगा, वेतन भी वसूला जाए’, पूजा पर बरसे LBSNAA के पूर्व प्रमुख..पढ़े ये खबर
हल्लाबोल 24.कॉम सबसे तेज न्यूज नेटवर्क
एलबीएसएनएए के पूर्व प्रमुख संजीव चोपड़ा का कहना है कि जो लोग फर्जी प्रमाणपत्रों का फायदा उठाकर प्रशासनिक सेवाओं में शामिल होते हैं, उन्हें सिर्फ बर्खास्त करने से काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों से वेतन भी वसूला जाना चाहिए।प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को के मामले में विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) के पूर्व प्रमुख संजीव चोपड़ा का कहना है कि जो लोग फर्जी जाति और दिव्यांगता प्रमाणपत्रों का फायदा उठाकर प्रशासनिक सेवाओं में शामिल होते हैं, उन्हें सिर्फ बर्खास्त करने से काम नहीं चलेगा। चोपड़ा ने जोर दिया कि ऐसे लोगों से प्रशिक्षण लागत और वेतन भी वसूला जाना चाहिए।
सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें
दरअसल, पूजा खेडकर मामले के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को लेकर तरह-तरह की बातें कहीं जा रहीं हैं। सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने ऐसे अधिकारियों के बारे में भी जानकारियां दी हैं, जिन्होंने खुद को आर्थिक रूप से कमजोर दिखाने के लिए नकली प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल किया है।
ऐसे लोगों को सिर्फ बर्खास्त न करें, वेतन भी वसूलें’
एलबीएसएनएए के पूर्व प्रमुख संजीव चोपड़ा ने कहा, ‘यह प्रणाली में एक गंभीर खराबी है। जो भी ऐसा करता है, उसे सिर्फ बर्खास्त नहीं किया जाना चाहिए बल्कि उससे प्रशिक्षण लागत और वेतन भी वसूला जाना चाहिए। उन्हें सजा मिलनी चाहिए ताकि सभी अधिकारियों को एक स्पष्ट संकेत मिल सके। जो भी इस प्रक्रिया में उनकी मदद करता है, उसकी जांच की जानी चाहिए। धोखाधड़ी में शामिल सभी लोगों को कानून के अनुसार दंड दिया जाना चाहिए।‘
संजीव चोपड़ा ने इन बातों पर दिया जोर
प्रशिक्षु आईएएस पूजा खेडकर को लेकर संजीव चोपड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार की तथ्य खोज समिति (फैक्ट फाइंडिंग कमेटी) को पूरे मामले की गहराई से जांच करनी चाहिए। चोपड़ा ने इस मामले में तीन मुख्य बातों पर जोर दिया। पहला मामला पूजा खेडकर के पुणे में नियुक्ति के दौरान दुर्व्यवहार से जुड़ा है। चोपड़ा ने कहा कि इस मामले को राज्य सरकार द्वारा देखा जा रहा है। दूसरा पहलू फर्जी प्रमाणपत्रों का है। इसकी जांच के लिए केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय द्वारा जांच समिति का गठन किया गया है। चोपड़ा के अनुसार तीसरा और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि क्या प्रणाली में गड़बड़ी है? उन्होंने जोर दिया की प्रणाली की विश्वसनीयता को सुनिश्चित करने के लिए इस मामले की पूरी तरह से जांच होनी चाहिए।
पूजा खेडकर विवाद क्या है?
2023 बैच की आईएएस अधिकारी पर पुणे में प्रशिक्षण के दौरान अपने अधिकारों के दुरुपयोग करने का आरोप लगा है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि पूजा ने अपनी नियुक्ति के बाद ही तरह-तरह की सुविधाएं मांगनी शुरू कर दीं, जो प्रशिक्षु अधिकारियों को नहीं मिलती हैं। इतना ही नहीं पूजा ने अपनी निजी ऑडी कर पर लाल-नीली बत्ती लगा दी।