घरघोड़ा में ऐतिहासिक महाघेराव : उस्मान बेग के नेतृत्व में 1000 लोगों के प्रदर्शन से प्रशासन में…आगे पढ़े
हल्लाबोल 24.कॉम सबसे तेज न्यूज नेटवर्क
घरघोड़ा – घरघोड़ा में नगर पंचायत उपाध्यक्ष और युवा जननेता उस्मान बेग के नेतृत्व में आज एक ऐतिहासिक महाघेराव हुआ। लगभग 2,000 लोग सड़कों पर उतरकर तहसील और एसडीएम कार्यालय का घेराव किया, जिससे प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए।
इस प्रदर्शन में शामिल लोगों की संख्या और उग्रता ने प्रशासन को झकझोर दिया। जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई, परंतु प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। कांग्रेस के विधायक लालजीत सिंह राठिया (धरमजयगढ़) और विद्यावती सिदार (लैलूंगा) समेत कई प्रमुख नेता इस प्रदर्शन में मौजूद थे, जिन्होंने जनता की मांगों का जोरदार समर्थन किया।
प्रशासन सकते में, सड़कों पर जाम, कोई अप्रिय घटना नहीं
लगभग 2,000 प्रदर्शनकारियों ने एक साथ सड़कों पर उतरकर तहसील और एसडीएम कार्यालय का घेराव किया, जिससे इलाके में भारी जाम लग गया। प्रशासन की तरफ से हलचल तो मची, लेकिन किसी भी अप्रिय घटना की खबर नहीं मिली। प्रदर्शनकारियों की बड़ी संख्या और उनकी मांगों की गंभीरता ने प्रशासन को सकते में डाल दिया।
प्रमुख मांगे: जनता की आवाज
प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के सामने कई अहम मांगे रखीं। उन्होंने क्षेत्र में बढ़ती बेरोज़गारी और अपराध पर रोकथाम की मांग की, साथ ही स्थानीय युवाओं को क्षेत्र के उद्योगों, खदानों, और अर्ध-शासकीय संस्थानों में रोजगार में प्राथमिकता देने पर जोर दिया। महिलाओं के लिए औद्योगिक इकाइयों के माध्यम से रोजगार और ऋण सुविधाएं उपलब्ध कराने की भी मांग की गई। प्रदर्शनकारियों ने ब्लॉक स्तर पर हर साल रोजगार मेले के आयोजन की मांग की, ताकि स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें। घरघोड़ा में बंद पड़े ब्लड बैंक की पुनः स्थापना, किसानों को उनकी जमीनों का वर्तमान दरों के अनुसार मुआवजा दिलाने, और घरघोड़ा-तमनार मार्ग की ख़राब सड़कों की तुरंत मरम्मत के लिए भी प्रदर्शनकारियों ने आवाज उठाई।
भारी वाहनों की 24 घंटे की रोकथाम और ओवरलोड व बिना त्रिपाल ढके कोयले और फ्लाई ऐश गाड़ियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पुनः सर्वे कराकर पात्र गरीब परिवारों को आवास दिलाने की भी मांग की गई।इसके अलावा, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस प्रशासन द्वारा डीजे संचालकों को बेवजह परेशान न करने की मांग की और उच्च शिक्षा के टॉप छात्रों को स्थानीय उद्योगों में रोजगार देने का प्रावधान भी रखा जाए, ऐसा आग्रह किया।
उन्होंने शासकीय दुकानों का विस्थापन जल्द से जल्द करने और एनटीपीसी, एसईसीएल जैसी कंपनियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दिए जाने की मांग भी उठाई। अंत में, बिजली कटौती पर नियंत्रण, अवैध वसूली पर रोक, और भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई, साथ ही किसानों के भूमि बंटवारे से रोक हटाने और पट्टा विभाजन को मंजूरी देने की भी गुहार लगाई।
जनता की अनदेखी अब और बर्दाश्त नहीं- लालजीत सिंह राठिया
विधायक लालजीत सिंह राठिया ने अपने संबोधन में कहा, “यह प्रदर्शन इस बात का प्रतीक है कि जनता अब जाग चुकी है। वे अपने हक के लिए खड़े हो गए हैं, और प्रशासन को यह समझना होगा कि जनता की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। घरघोड़ा क्षेत्र की समस्याएं वर्षों से लंबित हैं, और अब उन्हें सुलझाने का समय आ गया है। अगर प्रशासन जनता की आवाज़ नहीं सुनेगा, तो हम उनके साथ मिलकर और भी बड़े आंदोलन की योजना बनाएंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार और प्रशासन को क्षेत्रीय युवाओं और किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाने चाहिए।
महिलाओं और युवाओं की सुनी जाए आवाज -विद्यावती सिदार
विधायक विद्यावती सिदार ने महिलाओं और युवाओं के मुद्दों पर विशेष जोर देते हुए कहा, “इस क्षेत्र की महिलाओं और युवाओं के साथ लंबे समय से अन्याय हो रहा है। महिलाओं को रोजगार और ऋण सुविधाएं मिलनी चाहिए ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। इसके साथ ही, युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता देना भी बेहद जरूरी है। प्रशासन को जनता की इन मांगों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। अगर ये मांगें पूरी नहीं हुईं, तो हम यहां रुकने वाले नहीं हैं। यह सिर्फ शुरुआत है।” प्रदर्शन की उग्रता: 1000 लोगों की भीड़ ने महाघेराव में हजारों लोग एक साथ सड़कों पर उतरे, जिससे प्रदर्शन की उग्रता और बढ़ गई। तहसील और एसडीएम कार्यालय के एक साथ घेराव ने प्रशासन के हाथ-पांव फुला दिए। प्रशासन के सामने स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि वे कुछ समय तक यह समझ ही नहीं पाए कि कैसे इस स्थिति को नियंत्रित करें। प्रदर्शनकारियों की संख्या और उनके तेवरों ने साफ कर दिया कि जनता अपनी समस्याओं का समाधान अब तुरंत चाहती है। उस्मान बेग की चेतावनी: अगर हुई अनदेखी,आन्दोल होगा और तेजयुवा जननेता उस्मान बेग ने प्रशासन और सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “यह महाघेराव केवल एक चेतावनी है। अगर प्रशासन ने हमारी मांगे पूरी नहीं कीं, तो यह आंदोलन और भी तेज़ होगा। जनता की आवाज़ को दबाने की कोशिश अब नहीं चलेगी। बीजेपी सरकार ने जनता की उपेक्षा की है, लेकिन हम यह सुनिश्चित करेंगे कि घरघोड़ा की जनता को उनके हक मिलें।”
आगे का क्या रास्ता ??
इस प्रदर्शन के बाद अब प्रशासन के सामने बड़ा सवाल यह है कि वे जनता की इन मांगों पर क्या कार्रवाई करते हैं। प्रदर्शनकारियों ने साफ कर दिया है कि अगर इन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे और भी बड़े आंदोलन की तैयारी करेंगे।