सरकारी योजनाओं से दूर बिरहोर जनजाति के लोग.पीने का साफ पानी उपलब्ध नहीं करा सकी सरकार. बरसात में छत से टपक रहा पानी.सरपंच सचिव उदासीन..देखें रिपोर्ट
हल्लाबोल 24.कॉम सबसे तेज न्यूज नेटवर्क
धरमजयगढ़ । एक ओर केंद्र और राज्य सरकार हर क्षेत्र में विकास की कई योजनाओं को चलाकर लोगों को समृद्ध बनाने में जुटी है. लेकिन रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कुमहीचूवा में बिरहोर जनजाति परिवार के लोग आज भी आदिम युग में जीने को विवश हैं.
बिरहोर परिवार के लोग मूलभूत सुविधाओं से अब तक वंचित हैं. इन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है. जिससे इस परिवार के लोग गंदा पानी पीकर प्यास बुझा रहे हैं.आपको बता दें कोई भी जनप्रतिनिधि या अधिकारी इन बिरहोर परिवार की स्थित देखने और जानने की कोशिश नहीं करता.
जिसके कारण बिरहोर परिवार की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है. सरकार का हर दावा इस गांव में फेल होता जाता है. बिरहोर समुदाय के लोगों का कहना है कि नेताओं को चुनाव में ये याद आ जाते है लेकिन यहां पानी की कितनी विकट समस्या है इससे किसी को कोई सरोकार नहीं है.
जंगल के पहाड़ से उतारकर बसाया लेकिन मूलभूत सुविधा से अब तक वंचित
धरमजयगढ़ विकासखंड के कापु क्षेत्र में बसे ग्राम पंचायत कुम्हींचुंवा में बसे बिरहोर जनजाति के लोगो ने बताया कि इस गांव में बसने से पहले वो जंगल में पहाड़ के उपर निवास करते थे लेकिन प्रशाशन के कहे अनुसार वो वहां से उतरकर अब समाज की मुख्य धारा से जुड़ने को तैयार है लेकिन ऐसे में कैसे वो कैसे समाज का हिस्सा बन सकते है जब उन्हें सरकार से मिलने वाली विकास से दूर रखा जा रहा है
सरपंच सचिव की उदासीनता और भ्रष्टाचार के कारण उन्हें जो पक्के का मकान मिला था उसमे दरारें पड़ गई है बारिश में छत से पानी टिपक रहा है और पीने का साफ पानी भी नसीब नही है गांव में एक हेडपंप है जिसमे गंदा पानी आता है ऐसे में दूषित पानी पीने के कारण कई बार संक्रामक बीमारियों से सामना करना पड़ता है.