ईदुल अजहा:धरमजयगढ़ में अकीदत व भाईचारे के साथ मनाई गई ईदुल अजहा त्यौहार… ईदगाह में अदा की गई नमाज… मांगी गई छत्तीसगढ़ सहित पूरे मुल्क में अमन शांति और खुशहाली की दुआ…!
हल्लाबोल 24.कॉम सबसे तेज न्यूज नेटवर्क
धरमजयगढ़ । ईदुल अज़हा का त्योहार आज धरमजयगढ़ मुस्लिम समाज के द्वारा बेहद खुशनुमा माहौल में मनाया गया। ईदगाह में अपने तकरीर के दौरान जामा मस्जिद के मौजूदा पेशईमाम जनाब मौलाना मोहम्मद ताहिर साहब ने कहा कि आज ईद उल अज़हा के दिन हम कुर्बानी करते हैं, कुर्बानी करने का मतलब है, कि अल्लाह के करीब पहुंचना है।
हजरत इब्राहिम अलैहिस्सालम ने अपने बेटे हज़रत इस्माइल को अल्लाह की राह में कुर्बान करने के लिए राजी हो गए थे,और जैसे ही कुर्बानी करने के लिए तैयार हुए उनके बेटे की जगह एक दूम्बा(जानवर ) की क़ुरबानी हुई!दरअसल अल्लाह की तरफ से यह एक इम्तेहान् था! मौलाना साहब ने कहा कि कुर्बानी सिर्फ जानवर को ज़िबह करना ही नहीं है,
बल्कि इंसान को अपनी जिंदगी की तमाम बुराइयों का त्याग,जैसे तकबबुर (घमंड)हसद बुगज़,कीना,नफरत इन तमाम बुराइयों को भी अपनी जिंदगी से दूर करना है,यह भी अल्लाह की राह में एक कुर्बानी है!उन्होंने कहा की आज अल्लाह की बारगाह में मांगने का दिन है, आज शुकराना अदा करने और खुशी मनाने का दिन है, कोई गरीब इंसान है तो उसकी मदद करने का दिन है।
ईद की नमाज सुबह 7:30 बजे कैंप पारा स्थित ईदगाह में अदा की गई,नमाज के बाद मौलाना साहब के साथ सभी मुस्लिम भाइयों ने छत्तीसगढ़ प्रदेश सहित हिंदुस्तान और तमाम मुल्क की तरक्की,अमन, खुशहाली भाईचारा के लिए दुआएं खैर की। ईदउलअज़हा पर छोटे बड़े बुजुर्ग सभी नए लिबास पहन कर ईदगाह पहुंचे, नमाज अदा कर एक दूसरे से गले मिलकर बधाई दी।
नमाज मुकम्मल अदा करने के बाद कब्रिस्तान जाकर अपने मरहुमीन के लिए परवर दिगार से मगफेरत के लिए दुआएं की, यह त्योहार पूरी दुनिया के मुसलमान बेहद अकीदत से मनाते है, साहिबे हैसियत मुस्लिम भाई अपने-अपने घरों में अल्लाह के नाम से कुर्बानी की रस्म अदा करतें है!और सुन्नते इब्राहिमी पर अमल करते हैं।।ईदगाह में ईद की नमाज के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने स्थानीय पुलिस के अफसर और जवान अपनी ड्यूटी पर तैनात नजर आए,मुस्लिम समाज की तरफ से जनाब हफीजुल्ला खान ने पुलिस प्रशासन का शुक्रिया अदा किया।अन्य समाज के प्रतिष्ठित लोगों जन प्रतिनिधियों ने भी मुस्लिम समाज को ईद की बधाई प्रेषित की।।