बड़ी खबर : भारतमाला परियोजना में अधिग्रहीत हुई भूमि के जमीन बटवारे के मामले में एसडीएम ने मुआवजा राशि के भुगतान पर लगाई रोक…आरोप निराधार पाया गया…
हल्लाबोल 24.कॉम जिले का सबसे तेज न्यूज नेटवर्क
धरमजयगढ़ । सड़कें गावों को शहर और शहरों को महानगर से जोड़ने का काम करतीं है । कहा जाता है कि सड़कें परिवहन के साथ साथ रोजगार के अवसर भी खोलते हैं ।साथ ही जिन गांवों से यह सड़क गुजर रही है उस इलाके की दशा और दिशा दोनों बदल जाएगी। आवागमन की सुविधा सुलभ होने से इस इलाके में विकास के द्वारा भी खुलेंगे। साथ ही इस परियोजना को क्रियान्वित करने के लिए सरकारी और गैर सरकारी जमीनों का अधिग्रहण भी जारी है.वहीं रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ में प्रभावित किसानों को नियमानुसार मुआवजा देने का सिलसिला भी जारी है।
ऐसे में धरमजयगढ़ के प्रभावित ग्राम बायसी,धरमजयगढ़ कालोनी सहित अन्य 09 ग्रामों के प्रभावित ग्रामीण भारतमाला परियोजना के आने से एक तरफ जहां क्षेत्र के विकास को लेकर अपनी खुशी जाहिर कर रहे है वहीं दूसरी तरफ उक्त परियोजना से मिले मुवावजे राशि का त्वरित एवं सही तरीके से वितरण किया जा रहा है।उक्त संबंध में विगत कुछ दिनों पूर्व समाचार प्रसारित किया गया था कि भारतमाला परियोजना के लिए भू अर्जन के प्रकरण में मामला न्यायालय में लंबित होने के बावजूद एक खातेदार को मुआवजा वितरण किया गया। इस संबंध में हमारी टीम कार्यालय में जाकर पड़ताल की गई और उक्त प्रकरण की जानकारी ली गई। वहीं जमीन अधिग्रहण के मामले में आवेदकगण रविन्द्र विश्वास, दीपेन विश्वास, रमेन्द्र विश्वास पिता स्व० जितेन्द्र विश्वास एवं जयंती विश्वास पति स्व० जितेन्द्र विश्वास के द्वारा माननीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग- 02 धरमजयगढ़ जिला – रायगढ़ (छ0ग0) के समक्ष लंबित व्यवहार वाद प्रकरण क्रमांक ए/32/2022 के निराकरण तक राष्ट्रीय राजमार्ग भारतमाला परियोजना अंतर्गत संख्या 130- ए (उरगा- पत्थलगांव सेक्शन) 04 लेन पेव्हड निर्माण हेतु अधिग्रहित शामिलात खाते की भूमि में सहखातेदार रतिन विश्वास के द्वारा छल कपट पूर्वक अपने पुत्र रतन विश्वास के नाम पोल्ट्री फार्म के एवज में भू-अर्जन की राशि प्राप्त किया जाना उल्लेख कर भू-अर्जन की राशि प्रदाय नहीं किये जाने का निवेदन किया गया था.जिसे लेकर धरमजयगढ़ एसडीएम डिगेश पटेल के द्वारा मौका जांच कराया जाकर एवम् दस्तावेज लिया जाकर एक आदेश जारी किया गया है जिसमे आदेश किया गया है कीराष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम की धारा 03- G(3) के अनुसार सक्षम प्राधिकारी के द्वारा पारित अधिनिर्णय में अवधारित रकम किसी पक्षकार के स्वीकार्य नहीं होने की दशा में मध्यस्थ के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करने संबंधी स्पष्ट प्रावधान है लेकिन शिकायतकर्ता के द्वारा 07 माह से भी अधिक समय तक मुआवजा निर्धारण के अवार्ड की अपील नही की गई । चूंकि उभय पक्ष के मध्य माननीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग- 02 धरमजयगढ़ जिला- रायगढ़) के समक्ष लंबित व्यवहारवाद प्रकरण क्रमांक ए/32/20122 लंबित है। अतः शिकायतकर्ता के द्वारा प्रस्तुत आवेदन आंशिक रूप से स्वीकार कर माननीय व्यवहार न्यायालय के समक्ष लंबित प्रकरण के विचारण अवधि तक भूमि के लिए निर्धारित मुआवजा राशि के भुगतान पर रोक लगाया जाता है एवं पोल्ट्री फार्म एवं अन्य परिसंपत्तियों का निर्माण एवं व्यवसाय संचालन अनावेदकगण के द्वारा किया जाना आवेदकगण के द्वारा इस कार्यालय के द्वारा पारित अधिनिर्णय दिनांक 07.02.2023 के अनुसार के विरुद्ध अपील प्रस्तुत नहीं किया जाना और वर्तमान स्थिति में उक्त अधिनिर्णय अंतिम होने के कारण अनावेदक रतन विश्वास को निर्धारित प्रतिकर राशि भुगतान का आदेश पारित किया जाता है। उक्त प्रकरण से स्पष्ट है कि न्यायालयीन प्रकरण में भूमि संबंधी प्रकरण का हवाला देकर भुगतान पर रोक लगाने हेतु आवेदन किया गया था। उस भूमि के लिए निर्धारित मुआवजा राशि जारी ही नही की गई है और जारी की गई राशि के संबंध में कोई भी विवाद किसी भी न्यायालय में लंबित ही नहीं है, साथ ही पारित अवार्ड को किसी भी सक्षम न्यायालय में चुनौती नहीं दिए जाने के कारण ही नियमानुसार मुआवजा राशि प्रदाय किया जाना पाया गया। इस प्रकार कतिपय लोगो के द्वारा बिना किसी निर्माण कार्य के स्वयं के स्वार्थ के लिए जिस व्यक्ति के द्वारा वास्तविक रूप से निर्माण कर व्यवसाय किया जा रहा था उसे मुआवजा भुगतान रोके जाने का भी प्रयास किया गया। प्रकरण में संलग्न समस्त दस्तावेज और पंचनामा से भी यही प्रमाणित होता है कि शिकायतकर्तागण का उक्त संपत्ति में कोई हित नहीं है।इस प्रकार वास्तविकता को छिपाकर शासन की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा हैं।