बड़ी खबर : कलेक्टर ने रायगढ़ जिले के 27 केंद्रों के समिति प्रबंधक और ऑपरेटर हटाए,देखे सूची
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रायगढ़, 08 नवंबर। धान खरीदी में तेजी आने के पहले 27 उपार्जन केंद्रों में कलेक्टर ने प्रबंधकों और ऑपरेटर को हटाकर दूसरे केंद्र भेज दिया है। उनको केवल धान खरीदी तक प्रभार दिया गया है। बताया जा रहा है कि किसान पंजीयन में रकबे की अप्रत्याशित वृद्धि और उपार्जन में गड़बड़ी को लेकर कार्रवाई की गई है।
इसे लेकर बुधवार को बैठक भी रखी गई है।जिले की दागी समितियों को सुधारने के लिए लंबे समय से प्रयास किए जा रहे थे लेकिन प्रशासन को कामयाबी नहीं मिल रही थी। एक ही समिति में कई सालों से जमे हुए सहायक समिति प्रबंधकों ने समिति को खोखला कर दिया है।खाद-बीज की देनदारी और केसीसी वसूली नहीं करने के कारण अपेक्स बैंक पर भी दबाव पड़ रहा है। काफी समय से प्रबंधकों को इधर से उधर करने का प्रयास किया जा रहा था। अंतत: कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के निर्देश पर उप पंजीयक सहकारिता ने चंद्रशेखर जायसवाल ने आदेश जारी कर दिया। 27 केंद्रों के समिति प्रबंधकों और डाटा एंट्री ऑपरेटरों को दूसरे केंद्रों में भेज दिया गया है। धान खरीदी और निराकरण होने तक के लिए उनको दूसरे केंद्रों में सेवाएं देनी होंगी। इस आदेश के बाद समिति प्रबंधकों में हलचल मच गई है।
इनको हटाया,देखें
आदेश में जतरी के बालकृष्ण पटेल, उरबा के दयाराम राठिया, मुकडेगा के तेलूराम सिदार, जमरगी डी के दीनबंधु पटेल, लैलूंगा के प्रहलाद बेहरा, तिलगी के लखन पटेल, सराईपाली के गिरधर डनसेना, छाल के ठंडाराम बेहरा, छिछोरउमरिया के मुकेश यादव, कोड़तराई के लालमणि पटेल, राजपुर के विजय बेहरा, खडग़ांव 180 के कृपाराम राठिया, सिसरिंगा के सहदेव राय, लारीपानी के नरेश भोय, गेरसा के ईश्वर प्रसाद यादव, जरेकेला के घनश्याम चौधरी, केशला 100 के गोकुलानंद पंडा, घरघोड़ा के ओमप्रकाश ठाकुर, बंगुरसिया के कुंजबिहारी निषाद, छर्राटांगर के लक्ष्मीप्रसाद साव, खमहार के भागीरथी यादव, लिबरा के आनंदराम पटेल, लिप्ती के श्यामनारायण दुबे, टेंडा नवापारा के मनोज गुप्ता, लोईंग के मनोहर प्रधन और कछार के कौशल प्रसाद साहू को दूसरे केंद्रों में भेजा गया है। इन केंद्रों के ऑपरेटर को भी हटाया गया है।
रकबा बढ़ाकर केसीसी लोन वाला प्रबंधक भी सूची में
लैलूंगा और राजपुर के प्रबंधकों के नाम भी हैं। लैलूंगा में प्रहलाद बेहरा के कार्यकाल में फर्जी रकबे पर धान खरीदी हुई थी। इस वर्ष भी रकबा बढ़ाकर केसीसी लोन निकाल लिया गया। इस मामले में कार्रवाई लंबित है। जतरी भी पुरानी दागी समितियों में से एक है।