प्रधानमंत्री आवास में जमकर हुआ बंदरबाट
पात्र हितग्राहियों के बदले रसूखदारों को किया जा रहा आवास आवंटन और भुगतान
घरघोड़ा- रायगढ जिले के सुर्खियों में रहने वाला घरघोड़ा नगर पंचायत में शासन की महत्वाकांक्षी योजना प्रधान मंत्री आवास योजना में जम कर भस्टाचार किया जा रहा है बताया जा रहा है सीएलटीसी पुष्पेन्द्र चन्द्र के ऊपर घरघोड़ा के तत्कालीन सीएमओ का वरदहस्त प्राप्त था जिसका परिणाम है कि पात्र हितग्राहियों के बजाय ऐसे अपात्र हितग्राहियों को जिनके पक्के के बहुमंजिला इमारत , शासकीय कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों तक को आवास का आवंटन कर दिया गया है पूर्व में भी प्रधानमंत्री आवास योजना में हुये भस्टाचार की शिकायत हुई थी जिस पर वार्ड नं 9 के दो अपात्र हितग्राहियों का भुगतान रोक दिया गया परंतु रिकवरी य्या फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमा करने के खिलाफ कोई कार्यवाही नही हुई। वर्तमान में नए नगर पंचायत अध्यक्ष के कार्यभार संभालने के बाद तत्कालीन सीएमओ द्वारा जाते जाते दोनों अपात्रों को भुगतना करने की जानकारी विभाग के सूत्रों कर से मिल रही है
तत्कालीन सीएमओ ने पार्षदों कि शिकायत को किया दरकिनार
बताया जा रहा है की नगर पंचायत में पदस्थ सीएलटीसी पुष्पेंद्र चन्द्र का ब्यवहार ओर किये जा रहे मनमानी के खिलाफ पार्षदों ने सीएमओ को विधिवत पत्र लिख कर कार्यवाही की मांग की गई थी परंतु पत्र पर कार्यवाही करने के बजाय उन्हें खुला संरक्षण दिया गया था ।
पात्र हितग्राही भुगतान के लिए भटक रहे
स्थानीय नागरिक श्याम लाल का आरोप है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र हितग्राही जैसे तैसे उधार लेकर निर्माण कार्य कर लिया गया है परंतु अब भुगतान के लिये आफिस में लगतार चक्कर लगा रहे है सीएलटीसी पुष्पेंद्र चंद्रा द्वारा गरीब हितग्राहियों को महीनों से भुगतान हेतु घुमाया जा रहा है ।
पक्के मकान मालिकों के साथ जनप्रतिनिधियों को आवास आवंटन के लग रहे आरोप
प्रधानमंत्री आवास में शासन का स्पष्ठ नियम है कि जिसके पास बहुमंजली इमारत या पक्के मकानधारी हो उन्हें आवास की पात्रता नही होगी परन्तु सारे नियमो को ताक पर रख कर नगर पंचायत अधिकारी व सीएलटीसी द्वारा लाखो के पक्के मकान के मालिक के साथ नगर पंचायत निर्वाचित जनप्रतिनिधि व उनके परिवार के सदस्यों तक को प्रधानमंत्री आवास आवंटन कर दिया है । जबकि आवास के जरूरतमंद लोगों को शासन की जनकल्याण योजना से वंचित रखने की बात सामने आ रही है ।
बहरहाल पूरे मामले में देखना होगा कि शासन प्रशासन इस महत्वकांक्षी योजना में पलीता लगाने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करती है ।