“जाको राखे साइयां मार सके ना कोय”आत्महत्या के लिए युवक ने लगाई फांसी लेकिन नसीब नही हुई मौत
धरमजयगढ़ । एक बहुत पुरानी कहावत है “जाको राखे साइयां मार सके ना कोय” इसका सीधा सा मतलब है की अगर आप मरना चाहते है तो आप तमाम कोशिशों के बाद भी मौत को तब तक नहीं पा सकते जब तक की ऊपरवाला ना चाहे।कुछ इसी तरह का एक मामला सामने आया है जिसमे एक युवक शराब पीने के बाद अपने ससुराल वालो से लड़ाई किया और फिर घर से बाहर निकलकर आत्महत्या करने फांसी का फंदा बनाकर झूल गया लेकिन इस दौरान गांव के ही अन्य लोगो ने देखा और उसे मरने से बचा लिया तथा यह होनी को अनहोनी में बदल गई।उक्त वाक्या धरमजयगढ़ थानाक्षेत्र का है जहां सतीश कुमार उर्फ बबलू समझदार नामक युवक पास के ही गांव मुड़ाटिकरा में एक अन्य समाज की लड़की से प्रेम विवाह कर ससुराल में डेरा जमाए हुए है और आयदिन शराब पीकर अपने ससुराल वालो से लड़ाई झगडा करते रहता है ऐसे में शुक्रवार को भी शराब पीकर आया और अपनी पत्नी और ससुराल वालो से झगडा करने के बाद घर से बाहर निकल गया और एक पेड़ की डगाल फांसी का फंदा लगाकर उसमे झूल गया इस दौरान लोगो ने उसे बचा लिया वहीं घटना के संबंध में युवक ने बताया की वो ऐसा सिर्फ अपने ससुरलवालो को डराने के लिए कर रहा था ।
आत्महत्या करना भी अपराध की श्रेणी में
आपको बता दे की धरमजयगढ़ थानाक्षेत्र में सबसे अधिक आत्महत्या के लिए कदम उठाने जैसे मामले सामने आते है किंतु अस्पताल में इन्हे उपचार के दौरान बचा लिया जाता है।जिसमे अधिकतर मामले ग्रामीण क्षेत्र से होते है जो घर में रखे कीटनाशक खाने के होते है लेकिन परिजनों की सूझबूझ और तत्कालीन बेहतर उपचार मिल जाने के कारण इनकी जान बच जाती है।जिसमे कई मामले थाने तक पहुंचते है तो कई मामलों को अस्पताल में ही निपटा दिया जाता है। जबकि आत्महत्या करना भी एक अपराध है।