कौन है छ.ग. की ये IPS ऑफिसर..जिनके सामने नक्सली भी घुटने टेकने को हुए मजबूर..देखें पूरी रिपोर्ट
हल्लाबोल 24.कॉम जिले का सबसे तेज न्यूज नेटवर्क
यूपीएससी की परीक्षा के लिए लाखों उम्मीदवार शामिल होते हैं, लेकिन कुछ ही इसमें पास होकर देश के सफल आईएएस या आईपीएस बनते हैं। आईपीएस अधिकारी अंकिता शर्मा भी एक सफल अधिकारियों में से एक हैं।
एमबीए की पढ़ाई के बाद यूपीएससी की तैयारी करने वाली अंकिता एक ऐसी आईपीएस अधिकारी बनी जिनके नाम से नक्सली कांपने लगते थे। आईपीएस अंकिता शर्मा की सफलता की कहानी अंकिता शर्मा छत्तीसगढ़ के दुर्ग की रहने वाली हैं। उनके पिता एक बिजनेसमैन और मां गृहिणी हैं।
तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी अंकिता बचपन से ही पढ़ाई में काफी तेज थी। सरकारी स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा हासिल करने के बाद उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने एमबीए किया और फिर यूपीएससी की तैयारी में लग गई।तैयारी के लिए अंकिता छह महीनों तक दिल्ली भी रही और फिर बाद में अपने घर वापस जाकर खुद ही तैयारी करने लगी।
साल 2018 में अपने तीसरे प्रयास में अंकिता ने 203 रैंक हासिल कर आईपीएस अफसर बनी। नक्सल ऑपरेशन की इंचार्ज बनी अंकिता होमकैडर प्राप्त करने वाली छत्तीसगढ़ की पहली महिला आईपीएस अफसर थी। मई 2022 में वह खैरागढ़ की एसपी बनी और नक्सल प्रभावित बस्तर में उन्हें नक्सल ऑपरेशन की इंचार्ज भी बनाया गया। इससे पहले वह रायपुर क राजधानी आजाद चौक के पड़ोस में मुख्य अधीक्षक के तौर पर कार्यरत थीं।
किरण बेदी को मानती है प्रेरणा आईपीएस अंकिता शर्मा आईपीएस किरण बेदी को अपना प्रेरणा मानती हैं। उन्होंने इस बाद का जिक्र अपने एक इंटरव्यू में भी किया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें इस यूपीएससी की तैयारी का कोई ज्ञान नहीं था, जिस वजह से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। आईपीएस अंकिता शर्मा के पति विवेकानंद शुक्ला सेना में मेजर हैं। अंकिता ने बताया कि उनकी सफलता में उनके पति ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं।