कोल आवंटन केस में होगी सजा…सिफारिश के आधार पर किया गया था फतेहपुर कोल ब्लॉक का आबंटन…18 जुलाई को सजा होगी तय…जाने क्या है पूरा मामला…
हल्लाबोल 24.कॉम जिले का सबसे तेज न्यूज नेटवर्क
रायगढ़ । रायगढ़ जिले के एक कोल ब्लॉक आवंटन मामले में अदालत ने फैसला सुना दिया है। स्पेशल कोर्ट ने सभी छह आरोपियों को दोषी माना है, जिनमें पूर्व राज्यसभा सांसद विजय दर्डा और उनका बेटा देवेंद्र दर्डा भी शामिल हैं। पांच कंपनियों को यह कोल ब्लॉक आवंटित किया गया था जबकि एक कंपनी ने सही तथ्य प्रस्तुत ही नहीं किए मामला रायगढ़ जिले के फतेहपुर ईस्ट कोल ब्लॉक का है। कोयला मंत्रालय ने इसका आवंटन आरकेएम पावरजेन, वीसा पावर, एथेना इंफ्राप्रोजेक्ट्स, जेएलडी यवतमाल एनर्जी और वंदना विद्युत को किया था। पांचों कंपनियों ने मिलकर एक कंपनी फतेहपुर ईस्ट कोल प्रालि नामक कंपनी बनाई थी जिसका काम कोयला खनन कर उनको सप्लाई करना था, लेकिन जेएलडी यवतमाल एनर्जी ने सही तथ्य प्रस्तुत नहीं किए।
कंपनी को इसके पहले ही चार कोल ब्लॉक आवंटित किए थे। तथ्य छिपाकर कोल ब्लॉक आवंटन करने के लिए पूर्व राज्य सभा सांसद विजय दर्डा ने ही सिफारिश की थी।इस मामले में सीबीआई ने विजय दर्डा के पुत्र देवेंद्र दर्डा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, दो वरिष्ठ नौकरशाह केएस क्रोफा व केसी समारिया के साथ जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड व उसके निदेशक मनोज कुमार जायसवाल के खिलाफ अपराध दर्ज किए थे। स्पेशल कोर्ट ने 10 नवंबर, 2016 को सीबीआई जांच के आधार पर आईपीसी की धारा 120 बी और 420 समेत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय किए थे। अब अदालत ने सभी को दोषी माना है।
18 जुलाई को सजा तय
अदालत सभी दोषियों की सजा की घोषणा 18 जुलाई को करेगी। जेएलडी यवतमाल कंपनी को रायगढ़ में फतेहपुर ईस्ट कोल ब्लॉक आवंटन के पीछे कोई वाजिब कारण नहीं मिले। दरअसल, यह आवंटन सिफारिश के आधार पर किया गया था जबकि जेएलडी यवतमाल को पहले से चार खदानें आवंटित थी। पांच कंपनियों ने जिस नई कंपनी का गठन किया था, उसमें भी भारी गड़बड़ी मिली।